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मधु कुंड
ब्रिग्स को स्वर्ग में भी शांति नहीं मिली। चार वर्ष के बाद भगवान से प्रार्थना करके वह पुनः मर्त्यलोक में लौट आया।
लोगों को आश्चर्य हुआ, धर्मावतार ब्रिग्स स्वर्ग से लौट क्यों आया ? ब्रिग्स ने जनता की जिज्ञासा को शांत करते हुए कहा- “सुख के असीम पारावार स्वर्ग में रह कर भी मेरे मन का विषाद कम नहीं हुआ। मैं जितना दुःखी यहां था उतना ही वहां भी रहा। मुझे अब लग रहा है-सुख और आनन्द की अनुभूति बाहर में नहीं, भीतर ही है। मन के भीतर सुख का अक्षय मधु कुंड भरा है, उसे संसार को मुक्त हाथ से वितरण करके ही मन की शांति और आनंद प्राप्त किया जा सकता है।"
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