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प्रकाशकीय
श्री देवेन्द्रमुनि जी लिखित 'बिन्दु में सिन्ध' पुस्तक अपने प्रेमी पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए हमें हार्दिक प्रसन्नता अनुभव हो रही है। जीवन के ये छोटे-छोटे महत्त्वपूर्ण प्रसंग अपने आप में अनन्त प्रेरणा का स्रोत छिपाए हुए हैं। भूले-भटके जीवन-राहियों के लिए ये मार्गदर्शक हैं।
मुनि श्री ने भगवान ऋषभदेव : एक परिशीलन, भगवान अरिष्टनेमि और कर्मयोगी श्रीकृष्ण : एक अनुशीलन, भगवान पाव : एक समीक्षात्मक अध्ययन, भगवान महावीर : एक अनुशीलन, धर्म और दर्शन, साहित्य और संस्कृति, जैन दर्शन : स्वरूप और विश्लेषण' जैसे शोध-प्रधान ग्रन्थ लिखे हैं वहाँ चिन्तन साहित्य और कहानी व रूपक साहित्य भी लिखा है। पैतालिस से भी अधिक ग्रन्थ उनके लिखित व सम्पादित प्रकाशित हो चुके हैं।
हमें आशा है पूर्व पुस्तकों की भाँति इसे भी पाठक अपनाएँगे और अपने जीवन को चमकाएँगे।
पुस्तक प्रकाशन के लिए जिन उदारदानी महानुभावों का हमें अर्थ सहयोग प्राप्त हुआ है उनका और मुद्रण व्यवस्था करने वाले परमस्नेही श्रीचन्द्र जी सुराना 'सरस' का हम हृदय से आभार मानते हैं ।
मन्त्री श्री तारक गुरु जैन ग्रन्थालय
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