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जिज्ञासा
ईरान के सुप्रसिद्ध चितक हजरत इमाम महमूद मुशिद गजाली से किसी ने जिज्ञासा व्यक्त की कि-"आप इतने महान् ज्ञानी किस प्रकार बने और ऐसे ऊँचे पद पर किस प्रकार पहुँच गये ?"
गजाली ने अत्यन्त मधुर शब्दों में कहा—मैं जिस बात को नहीं जानता था, उसे पूछने में कभी शर्म नहीं की और जैसे-जैसे पूछता गया वैसे-वैसे मेरा ज्ञान भी बढ़ता गया
और मुझे लोग विद्वान समझने लग गये । वस्तुतः बिना जिज्ञासा के ज्ञान प्राप्त नहीं हो सकता।
बिन्दु में सिन्धु ४५
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