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जीवन का मूल्य
एक दिन तथागत बुद्ध को ज्ञात हुआ कि रोहिणी नदी के जल को लेकर उनके स्वयं के वंश के शाक्य और कोलीय राजा एक दूसरे के कट्टर शत्रु हो गये हैं। दोनों ओर युद्ध के नगाड़े बज चुके हैं । बुद्ध उसी समय रणस्थल पर पहुँचे। उन्होंने दोनों पक्ष के सैनिकों से प्रश्न किया कि जल का मूल्य क्या है ? ___ सैनिकों ने एक स्वर से कहा कि जल का कुछ भी मूल्य नहीं है।
बुद्ध ने पुनः दूसरा प्रश्न किया-वीर क्षत्रियों का क्या मूल्य है ? ___ सैनिकों ने कहा- भगवन् ! उनका जीवन तो अनमोल है, वे देश की महान् निधि हैं । __ क्या जिस जल का मूल्य नहीं है, उसके लिए अनमोल जीवन का बलिदान करोगे ? क्या तुम्हारी यही बुद्धिमत्ता
बुद्ध की बात का इतना असर हुआ कि सैनिकों ने हथियार डाल दिये, और रक्तपात बच गया। उन्हें जीवन का मूल्य समझ में आगया । ४२ बिन्दु में सिन्धु
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