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पराजय का रहस्य
करनाल के विशाल मैदान में मुहम्मदशाह की सेना को परास्त कर विजयी नादिरशाह दिल्ली पहुंचा तो उसका भव्य स्वागत किया गया। दोनों बादशाह एक हो तख्त पर आसीन हुए। नादिरशाह को प्यास सताने लगी । उन्होंने पास में बैठे हुए मुहम्मदशाह को पानी मँगवाने का संकेत किया । नादिरशाह पानी की प्रतीक्षा करने लगा किन्तु
बिन्दु में सिन्धु ९७
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