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अपना विवेक
एक बहुत बड़ी दुकान से एक ग्राहक ने सिगरेट का एक पाकेट खरीदा और उसमें से सिगरेट निकालकर वहीं पर पीने लगा। दुकान के मालिक ने उसे टोकते हुए कहायहाँ पर धूम्रपान की सख्त मनाई है, कृपया आप यहाँ पर सिगरेट न पीएँ।
यह सिगरेट मैंने यहीं से अभी खरीदी है, ग्राहक ने अपना तर्क प्रस्तुत किया।
दुकान के अधिपति ने कहा-इसमें क्या ? हम अपनी दुकान में तो जुलाब की गोलियाँ भी रखते हैं और जहर की गोलियाँ भी । लेने का विवेक तो आपको रखना होगा।
बिन्दु में सिन्धु
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