________________
खुशामदी
बादशाह अकबर ने बीरबल से कहा कि बीरबल ! बेंगन बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं।
हाँ हजुर ! इसीलिए उसका नाम बहुगुन है ।
बादशाह ने खूब बेंगन खाये, वायु के कारण रात भर घबराहट रही, दूसरे दिन बीरबल को कहा-ये बैंगन बिल्कुल हो निकम्मे हैं।
हाँ हजुर ! इसीलिए उसे बे-गुन कहते हैं।
अरे बीरबल तू बड़ा ही खुशामदी है, कल तो तेने बेंगन को बहुगुणी कहा था और आज उसे 'बेगुन' कहता है।
बीरबल-जहाँपनाह मैं आपका सेवक हूँ बेंगन का नहीं।
बिन्दु में सिन्धु
८६
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org