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२१ बुराई की स्मृति भी घातक [विष का प्रभाव
चार व्यक्ति परदेश से धन कमाकर अपने घर लौट रहे थे। पैदल का रास्ता । पहले दिन की मंजिल पूरी कर शाम को एक गाँव में ठहरने का विचार किया। गाँव में घुसते ही एक बुढ़िया का मकान मिला। चारों उसी के घर ठहर गए।
रात का अँधेरा बढ़ चला था। बुढ़िया ने चारों से कहा---
"बेटा ! रात में मुझे कम दीखता है। सुबह मैं तुम्हारे लिए गरम-गरम खाना बनाऊँगी, इस समय थोड़ी-सी छाछ रखी है, उसी को पीलो।"
चारों ने प्रसन्नता के साथ बुढ़िया का आतिथ्य स्वीकार किया । बुढ़िया ने चारों को छाछ पिलाई। चारों ही तृप्त हो गए और यात्रा की थकान के कारण गहरी नींद में सो गए । प्रातःकाल बहुत जल्दी उठे और बुढ़िया से प्रस्थान
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