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देख रही थीं। सभी उस पर मोहित हो गई और उसे अपने पास रहने के लिए प्रार्थना करने लगीं। ___मंत्रमुग्ध सभी रानियां और दासियां उस तरुण को घेरे खड़ी थीं। इतने में ही एक दासी ने महाराजा के आगमन की सूचना दी। परन्तु कोई रानी या दासी वहां से नहीं खिसकी। वे सब मंत्रमुग्ध होकर मलया को देख रही थीं। ___कंदर्प देव आए। यह सब देख, वे आश्चर्यचकित रह गए। उन्होंने सबको वहां से हट जाने का आदेश दिया और इस तरुण से पूछा---'तू कौन है ? यहां कैसे आया?'
तरुण बोला-'महाराज ! मैं पथिक हं.. कर्मयोग से यहां आ पहुंचा हं... मुझे जाना है, परन्तु ये स्त्रियां मुझे जाने नहीं देतीं।'
राजा बार-बार युवक को देख रहा था। आंखें तो मलयासुन्दरी जैसी ही हैं 'सुन्दर भी है परन्तु यह स्त्री नहीं, पुरुष है । 'तेरा नाम क्या है ?' राजा ने पूछा।
'सुन्दरसेन ।' 'तुझे यहां किसने आने दिया ?' मलयासुन्दरी मौन रही।
राधिका कुछ दूर खड़ी थी। उसकी ओर दृष्टि कर महाराजा ने पूछा"मलया कहां है?'
'देवी सो रही हैं।' 'उसको जगा और मेरे आगमन की सूचना दे।'
राधिका चली गई।
महाराजा मलयासुन्दरी से कुछ प्रश्न करें, उससे पूर्व ही राधिका दौड़ीदौड़ी आयी । उसने कहा—'महाराज ! देवी नहीं हैं !"
'तो कहां गई?' 'कुछ भी अता-पता नहीं।' 'अरे ! किसी ने उसे भवन से बाहर जाते देखा है ?' 'नहीं, महाराज !'
'महाराज''महाराज "महाराज 'राधिका, जा, अन्तःपुर में खोज कर । कहीं छिपी होगी।
महाराजा ने अपने प्रहरी से कहा---'इस तरुण को बंदी बना दो।' मलयासुन्दरी कहीं नहीं मिली।
महाराजा ने सोचा-यह पुरुष ही मलयासुन्दरी होनी चाहिए। यह किसी मंत्र-प्रयोग से पुरुष हो गई है।
महाराजा ने उससे अनेक टेढ़े-मेढ़े प्रश्न किए।
महाबल मलयासुन्दरी २७६
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