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ईश्वर : एक चिन्तन | ४३
समर्पित करते थे । इस तरह मिस्रवासियों में देवी-देवताओं की कल्पना आदिवासियों की कल्पना से मिलती-जुलती है। कहीं-कहीं पर एकेश्वरवाद की झलक मिलती है पर मन्त्र-तन्त्र, यन्त्र, जादू-टोना आदि के अन्धविश्वास में एकेश्वरवाद धूमिल हो
गया था।
यूनान में ईश्वर - कल्पना यूनान विश्व का एक प्रमुख देश रहा है । वहाँ पर प्रारम्भिक काल में प्राकृतिक शक्तियों की, वन्य पशुओं की और जितनी भी भयोत्पादक वस्तुएँ हैं, उनको प्रसन्न करने के लिए उनकी अर्चना की जाती थी । वहाँ पर भी एक वंश का देवता माना जाता था। वह अदृश्य रूप में सुरक्षा, सुख और समृद्धि प्रदान करता है, ऐसा उनका विश्वास था । मृत - पूजा में भी उनका विश्वास था । आदिवासियों के देवों को भी उन्होंने अपनाया । उनका सबसे बड़ा आराध्य देव 'जिउस' था और उसकी पत्नी 'दिओने' थी । इनके अतिरिक्त विभिन्न देवों की कल्पनाएँ वहाँ पर खूब पनपती रहीं । होमर ने, जो यूनान का आदिम कवि था, अपने महाकाव्य में देवताओं के छः लक्षण निरूपित किये हैं, वे इस प्रकार हैं :
(१) वे अमर हैं, उनका निवास ओलिम्पस है । वहाँ न रहने पर भी वे अमर ही थे, भले ही अन्य स्थानों पर वे क्यों न रहे हों ।
(२) वे बहुत ही सुख-सुविधाओं से रहते हैं । उन्हें किसी भी प्रकार का कष्ट
नहीं है ।
(३) वे देव अम्ब्रोशिया खाते हैं और अमृत का पान करते हैं किन्तु मृत्युलोक की किसी वस्तु को नहीं खाते ।
( ४ ) वे देव अदृश्य हैं । पर कभी-कभी वे विविध रूपों में प्रकट भी होते हैं । (५) वे सर्वमंगलप्रदाता हैं ।
(६) वे देव निन्दा करने वालों को दण्ड प्रदान करते हैं । यहाँ तक कि जो उनका विरोध करता है, उन्हें वे नरक में भेज देते हैं । वे वेष परिवर्तन कर मानवों की विविध प्रकार से परीक्षाएँ लेते हैं । कोई भी व्यक्ति अनुचित कर्म नहीं करे, इसका वे पूर्ण ध्यान रखते हैं ।
होमर के पश्चात् हेसियोड ने अपनी कविता में देवताओं के अमूर्त-गुण, न्याय-प्रियता, क्षमा, दया आदि का चित्रण किया है। धीरे-धीरे प्रत्येक कला में देवदेवियों के प्रतीक चिह्न उट्टंकित किये जाने लगे । कलाकार अपनी कला की चमत्कृति दिखाने के लिए देव देवियों की मूर्तियों को सजाने लगे । देव देवियों की कल्पना के साथ उनमें ईश्वर कल्पना भी प्रतीत होती है जो सभी शक्तियों पर नियन्त्रण करता है ।
यूनान में नग्न मूर्तियों का अधिक प्रचलन हुआ । देवी-देवताओं के मुक्त प्रणय की कहानियाँ अत्यधिक प्रचलित हुई । अडोनिस ( कामदेव ) की पूजा महिलाओं में
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