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उदार सहयोग : सादर धन्यवाद
प्रस्तुत पुस्तक " चिन्तन के विविध आयाम" के प्रकाशन में ग्राप श्री ने उदारतापूर्वक अर्थ-अनुदान किया है, वह आप श्री की साहित्यिक भावना नथा परम गुम्भक्ति का ज्वलन्त
प्रतीक है। उदार सहयोग
हादिक माधुवाद !
नम्मानीय श्रीमान चम्पालालजी,
हीरालाल जी टाटियां पो० महामंदिर (जोधपुर)
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