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वंश परिचय : परिशिष्ट ३
११ पौण्ड्रा -पौण्ड्र १२ रत्नवती -रत्नगर्भ, सुगर्भ १३ सोमदत्तपत्री -चन्द्रकांत, शशिप्रभ ५४ वेगवती -वेगवान, वायुवेग १५ मदनवेगा |-दृढमुष्टि, अनावृष्टि, हिममुष्टि १६ बंधुमति -बंधुसेने, सिंहसेन १७ प्रियंगुसुदरी -शिलायुध १८ प्रभावती -गांधार, पिंगल १६ जरा -जरत्कुमार, वाह्लिक २० अवंती -समुख, दुर्मुख, महारथ २१ रोहिणी - बलदेव, सारण, विदुरथ २२ बालचन्द्रा -वज्रदंष्ट्र, अमितप्रभ २३ देवकी -नृपदत्त, देवपाल, अनीकदत्त, अनीकपाल शत्रुघ्न,
| जितशत्र, श्रीकृष्ण
वसुदेव के पुत्र
___ पुत्रों की संतान
जरत्कुमार | वसुध्वज, सुवसु, भीमवर्मा, कापिष्ठ, अजातशत्रु
__ शत्र सेन, जितारि, जितशत्र आदि बलदेव -उन्मुण्ड, निषध, प्रकृतिा ति, चारुदत्त, ध्रुव, पीठ,
शकुन्दमन, श्रीध्वज, नन्दन, धीमान, दशरथ, देवनन्द, विद्रु म, शान्तनु, पृथु, शतधनु, नरदेव, महाधनु,
रोमशैल्य श्रीकृष्ण -भानु, सुभानु, भीम, महाभानु, सुभानुक, वृहद्रथ,
अग्निशिख, विष्णुसंजय, अकम्पन, महासेन, धीर, गंभीर, उदधि, गौतम, वसुधर्मी, प्रसेनजित, सूर्य, चन्द्रवर्मा, चारुकृष्ण, सुचारु, देवदत्त, भरत, शङ्ख, प्रद्युम्न, शम्ब, इत्यादि
४. जैनेन्द्र सिद्धान्तकोश भा० १, पृ० ३५८ से उद्धृत
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