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जीवन की सांध्य-वेला
३४३ जब अर्जुन यदुवंशियों के स्त्री बच्चों को लेकर हस्तिनापुर की ओर जा रहा था, तब मार्ग में पंचनद प्रदेश के आभीरों ने उन पर अकस्मात् आक्रमण किया। उस समय अर्जन इतना शोक-संतप्त और हतसंज्ञक था कि गांडीव के रहते हुए भो वह उन जंगली लुटेरों का सफलता पूर्वक सामना नहीं कर सका । फलतः वे यादवों की संपत्ति और स्त्रियों को लूटकर ले गए। शेष को अर्जुन ने दक्षिण पंजाब और इन्द्रप्रस्थ में बसा दिया।४१
४५. व्रज का सांस्कृतिक इतिहास --
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