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________________ 484 नाम पृष्ठांक लाखकवि 137) लाडाजी 246 लाधुराम चंगेरिया 183 लाभचन्द 179 लाभवर्धन 82, 176, 178, 231, 27 लाभानन्द 178, 274 लाभोदय 176 लायमान विन्तनित्स 40% लालचन्द 186, 1871 लालचन्द (लावण्यकमल) 283 लाला कृष्णचन्द्र जौहरी 242 लावण्यकीर्ति 176 लावण्यरत्न 277 लावण्यविजय 77 लाहड 147 लीलादेवी 680 लणराज 2111 लोकाशाह 180,299 बाम पृष्ठांक विजय धर्मसूरि 289 विजयपाल 146, 147 विजय प्रभसूरि 120,124 विजय मुनि शास्त्री 366 विजय यतीन्द्रसूरि 293 विजय राजेन्द्रसूरि 16, 45,285,289 विजय ललितसूरि 297 विजय वल्लभसूरि 285 विजय विमल गणि 12.! विजयसिंहसूरि 74,75 विजय सुशीलसूरि 297. विजयमेनसूरि 162 विजयहर्षोपाध्याय 70, 276. विद्याकुशल 142. विद्याचन्द्रसूरि 289 विद्यानन्द 85. विद्यानन्दि 36 विद्यानिधान 179, 280. विद्याभूषण 215. विद्यारुचि 179 विद्याविलास 231. विद्यासागर 215. विद्यासिद्धि 195. विनयचन्द्र 77, 156, 158, 176, 178 187,276. विनयचन्द्र श्रावक 194. विनयचूला 194. विनयप्रभ 169. विनयप्रमोद 69, 277. विनयभक्ति 280. विनयमेरु 175. विनयलाभ 179,217. विनयविजयोपाध्याय 76,90, 176. विनयसमद्र 143, 174. विनयसागर 179. विनयसागरोपाध्याय 13. विनयसागर महोपाध्याय 124,267, 296. विनोद मुनि 307. विपिन जारोली 307. विबुध श्रीधर 136 विमलकीर्ति 175, 229. विमलरत्न 229, 232. विमलसूरि 13, 363. विमलादे 173. वंशीधर सनाढ्य 191 बच्छराज 143 वज्रसेनसूरि 166,168 वट्टकर 2, 11, 13 वदनांजी 245, 246 वररुचि 133 वर्धमान कवि 210 वर्धमानसूरि 22, 63, 72,75, 142 वसुनन्दी 13 यस्तो कवि 169 वाग्भट 94,101,102,117, 118 वाछिग मन्त्री 161 वाडव 61,66,81 वादिदेवसूरि 168 वादिराज 114 वादी हर्षनन्दन 68,74,75,76 विक्रम 210 विजय कलापूर्णसूरि 297 विजय कस्तूरसूरि 38 विजयचन्द धाडीवाल 183 विजय दक्षसूरि 297 विजय देवसूरि 120, 123, 173, 174
SR No.003178
Book TitleRajasthan ka Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherDevendraraj Mehta
Publication Year1977
Total Pages550
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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