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________________ 470 नाम पृष्ठांक नाय ठांक कवि हरिचन्द-हरिश्चन्द्र) 150 केसरबाई 191 हल्ल-हरिइंद केसरां बाई 193 केसरीचन्द भाण्डावत 297 कविया मुरारिदान बारहठ 297 केसरीचन्द सेठिया 263, 366 कस्तूरचन्द 233 केसव 143 कस्तूरचन्द्र गणी 74 कोट्याचार्य 9 कस्तूरमल बांठिया 293 कोमल कोठारी 297 कहन (कृष्णपाद) 130 कोशपाल 147 क्षमाकल्याणोपाध्याय 71,74,75,76,77, कानूबाई 183 कालिदास 60, 119, 140 78,79, 125, 179, 233, 280, 284 कालिय श्रेष्ठ, कलश श्रेष्ठ 44 क्षमाप्रमोद 179 कालूराम 245 क्षमामाणिक्य 81 काल स्वामी बड़ा 240,245 क्षेमकीर्ति 176 किशनराम 289 क्षेमसागर 78 किशनलाल 190 क्षेमहर्ष 179 किशनसिंह 221 किशनदास मूणोत 187 किसनसिंह 290 कीतिरत्नसरि, कीतिराज, 67, 77,117,118 खडगसेन 211 कीतिराजोपाध्याय खेतल 277 खेतलदे 66 कीर्तिवर्धन 82, 273 खेतल देबी 65 कीतिसिंह 218 खेतसी 68 कीर्तिसुन्दर 231 खेतसी विलाना 224 कुन्द न्द-कुन्दकुन्दाचार्य 2, 11, 12, 13 खेतसी साह 224 ___19,138 खेता 149 कुमार कातिकेज 12 खुशालचन्द्र काला 220 खुध्यालचन्द 179 कुमारपाल 147, 156, 157, 161 खूबचन्द 191 कुंवरादे 193 कुशलकीति 65 कुशलधीर 82, 176, 178, 230,284 कुशललाभ 142, 143 कुशलसागर 179 गंगा 39 कुशलांजी 240 गगा बाई 180, 293 कुशलोजा 153 गंगाराम 193 कृपाविजा 710 गंगाराम चौधरी 186 कृष्ण आहाग 3 गजमल 191 केवल मनि 301, 305 गसिंह (बीकानेर नरंश) 182 केशरमनि 71 गजसिंह राठौड 290 केशरीसिह 255 गणेश मुनि 263, 333, 366 केशव 18! गणेश मनि शास्वी 302, 302 केशवदास 277 गर्गर्षि 11 कभरकुंवर 194 गर्गस्वामी 63
SR No.003178
Book TitleRajasthan ka Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherDevendraraj Mehta
Publication Year1977
Total Pages550
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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