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शास्त्र भण्डार
दबलाना एक छोटा सा गांव है, यह बून्दी से पश्चिम की ओर दस मील सड़क पर स्थित यहां के मन्दिर में भी ग्रन्थों का अच्छा संग्रह है जिनकी संख्या 416 है । ऐसा मालूम पड़ता है कि यह भण्डार किसी दिगम्बर साधु (पाण्डे) का था जो उसकी मृत्यु के पश्चात यहीं के मन्दिर में स्थापित कर दिया गया। इसमें सबसे प्राचीन षडावश्यक बालावबोध का है जिसका लेखन काल सन् 1464 का है। किए हुए ग्रन्थ हैं जिनमें बून्दी, नैणवा, गोठड़ा, सीसवाली के नाम उल्लेखनीय हैं ।
भण्डार में राजस्थान के विभिन्न नगरों में लिपि इन्दरगढ़, जयपुर, जोधपुर, सागवाड़ा एवं
इन्दरगढ़ सवाई माधोपुर से कोटा जाने वाले रेल्वे लाइन पर स्थित है । यहां के पार्श्वनाथ मन्दिर में हस्तलिखित पाण्डुलिपियों का भण्डार है जिसमें 289 हस्तलिखित ग्रन्थों का संग्रह है । इनमें से अधिकांश ग्रन्थ स्वाध्याय में काम में आने वाले हैं ।