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[८ बन्ध
श्रीविजयानंदसूरिकृत (१६४) भगवती बंधी ५० बोलकी अष्ट कर्म आश्री
नाम,गोत्र
नियमा
१३
ज्ञाना०, दर्शना०,
वेदनीय
| मोहनीय आयु __अंतराय स्त्री, पुरुष, नपुंसक
नियमा नियमा नियमा वेद
भजना अवेदी संयत संयती
असंयती श्रावक संयतासंयत नोसंयत, नोअसंयत, नोसंयतासंयत
सम्यग्दृष्टि मिथ्यादृष्टि मिश्रदृष्टि
संज्ञी
असंज्ञी न संशी न असंही
भव्य
अभव्य नभव्य न अभव्य चक्षु आदि ३ दर्शन
केवलदर्शन ___ पर्याप्ता
अपर्याप्ता २४ न पर्याप्त न अपर्याप्त
भाषक २६
अभाषक
परत संसारी २८ अपरत संसारी २९ न परत न अपरत ३०-३३ मति आदि ४ ज्ञान
केवलज्ञान
२५
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