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जैसे चंद्रमाके १५ मांडले लिखेहै ऐसेही १८४ सूर्यकै मांडले जानने।। कर्क संक्रांतिरात्रिस्थापना अभ्यंतर मांडले जबसूर्यहीवे
तदाभवति
कर्कसंक्रांतिदिन स्थापना संस्थान मेरु
थीलेइनेलवणसमुर तायोजन ७९३३३ एक योजनातिजाभाग अधिक इतना लंबान दिनना।।
१८८मापृष्ठगत (९२६मा पंचनीनीचे आनुस्थान छे.
कर्क संक्रांतिने प्रथम दिन सर्व अभ्यंतर मंगल सूर्यना ताप क्षेत्र स्थापना सर्वत्रयंत्र.
अनुसंधान माटे जुओ
१८८मा पृष्ठगत १२७मायंत्रनी उपरनो भाग.
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