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तत्व
नवतत्त्वसंग्रह
नामकर्मके
|३२०० भग
९२४० १३९४५
४६३२
सव १३९२६
MAA
Manoran
vodorovows
ow
०००००
००००००
संख्या
७२७२७२२४॥
३४६४ ४०९७ ४०९७
७७०४
७७६८ नाम
७७६८ कर्मके
७६०२ उदय.
७७७३
७७७३ (७७९१) सर्व
४६३८८
२१(? ७५४८ ४४ ७६६१ १ ७६६१
१६२/
सर्व
सर्व
२२९०६
इन दोनो यंत्रका विस्तार बहुत है, इस वास्ते भांगा लिख्या नहीं; जोकर भांगे विचारणे अरु सीखनेकी इच्छा होइ तो सप्ततिसूत्र(गा० २६:२९)नी वृत्ति अवलोकनीयं इति अलम्.
इति नवतत्त्वसंग्रहे आत्मारामसंकलता(ना?)यां प्रथमजीवप्रभेद संपूर्णम्.
अथ अजीवतत्त्वसंग्रह लिख्यते
(८०) भगवती अजीव द्रव्य | द्रव्यथी क्षेत्रथी । कालथी | भावथी गुणथी
वर्ण नही, गंध, धर्मास्तिकाय १ एक लोकप्रमाण अनादि अनंत रस, स्पर्श नही,
। अरूपी
वर्ण आदि पांचो अधर्मास्तिकाय २ ,
नही, अरूपी
स्थितिसहाय आकाशास्तिकाय लोकालोकप्र
वर्ण आदि ५ नही, माण
अवगाहसहाय
चलनसहाय
३
"
"
अरूपी है।
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