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________________ -r r rr . .... . . . . . . . . . . . देव विषयक चर्चाएँ 888800awasa38 AAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAA 000000000000000000000000000 • देव के कितने प्रकार ? देव के प्रकार गौतम-भगवन् ! देव कितने प्रकार के हैं ? भगवान गौतम ! देव पाँच प्रकार के है-भव्यद्रव्यदेव, नरदेव, धर्मदेव, देवाधिदेव और भावदेव। गौतम-भगवन् ! भव्यद्रव्यदेव का क्या आशय है ? भगवान गौतम ! जो आगामी काल में देवत्व को प्राप्त होंगे परन्तु वर्तमान में देव के गुणों से शून्य हैं, वे भव्यद्रव्यदेव कहलाते हैं। गौतम-भगवन् ! नरदेव से क्या तात्पर्य है ? भगवान गौतम ! मनुष्यों में देवतुल्य आराध्य, छः खण्ड के अधिपति, नवनिधि के स्वामी मनुष्येन्द्र अर्थात् चक्रवर्ती “नरदेव" कहलाते हैं। गौतम-भगवन् ! धर्मदेव का क्या अर्थ है ? भगवान गौतम ! श्रुतादि धर्म द्वारा जो देवतुल्य आराध्य देवस्वरूप अनगार हैं, वे "धर्मदेव" कहे जाते हैं। __ गौतम-भगवन् ! देवाधिदेव किसे कहते हैं ? भगवान-पारमार्थिक देवत्व से जो देवों के भी आराधनीय हैं ऐसे सर्वज्ञ, सर्वदर्शी अरिहन्त भगवान “देवाधिदेव" शब्द से संबोधित किये जाते हैं। गौतम-भगवन् ! भावदेव से क्या अभिप्राय है ? भगवान-जो देवगति सम्बन्धी नाम और गोत्र का वर्तमान में अनुभवन कर रहे हैं वे भवनपति, व्यन्तर, ज्योतिष्क और वैमानिक ये देवचतुष्क निकाय "भावदेव" से अभिहित किये जाते हैं। -भग. शतक १२, उ.९, सूत्र १-६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003173
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Ek Parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year
Total Pages272
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size11 MB
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