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आत्मा-विषयक चर्चाएँ
आत्मा का अस्तित्व
जीव चैतन्य है ?
जीव बढ़ते हैं या घटते हैं ?
आत्मा के आठ प्रकार
हाथी और कुन्थुआ में जीव समान
जीव के सम्बन्ध में विविध जिज्ञासाएँ
जीवों की गति
आत्मारंभी और अनारंभी
ज्ञान और चारित्र इहभविक या परभविक ?
महावेदना और महानिर्जरा
जीव सादि सान्त है ?
जीव और अजीव के परिणाम
आत्मा का अस्तित्व
शिष्य ने पूछा- भंते ! सांसारिक प्राणियों के विषय में और आत्मा के अस्तित्व के विषय में शंकाशील होने से क्या हानि है ?
भगवान् ने कहा- आत्मार्थी शिष्य ! जो जिज्ञासु संसार के विषय में शंकाशील हो जाता है, वह आत्मा के अस्तित्व के विषय में भी शंकाशील रहता है, और जो आत्मा के अस्तित्व के विषय में शंकाशील रहता है, वह संसार के चराचर जीवों के प्रति भी शंकाशील बन जाता है।
- आ. सूत्र, प्र. श्रुतस्कन्ध, प्र. अ., उ. ४, सूत्र २९ जीव चैतन्य है ?
गौतम भगवन् ! क्या जीव चैतन्य है, या चैतन्य जीव है ?
भगवान - गौतम ! जीव, नियमतः चैतन्य है और चैतन्य भी नियमतः जीव है।
- भग. शतक ६, उ. १०, सूत्र ३
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