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[वृहद् आध्यात्मिक पाठ संग्रह सम्राट् चन्द्रगुप्त के १६ स्वप्न दर्शन और
उन स्वप्नों के फल
१. सूर्य मण्डल अस्त होते हुये देखा। १. पंचमकाल में अङ्गपूर्व के धारी मुनि कोई नहीं रहेंगे।
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___२. कल्पवृक्ष की शाखा टूटी हुई देखी। २. अभी से कोई क्षत्रिय राजा जिन दीक्षा नहीं धारण करेंगे।
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