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लाला खरायतीलाल जी
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और वहाँ २५ वर्ष रहे । वहाँ श्री आत्मानन्द जैन स्कूल का भवन बनवाने तथा उसे सुचारु रूप से चलाने में बहुत योगदान दिया।
झण्डकसेल में बाबा वैरा जी की समाधि का जीर्णोद्धार कराया।
देव-गुरु-धर्म उपासक सुश्रावक लाला खरैतीलाल जी जैन
(देहली ) अापका जन्म रामनगर (पाकिस्तान) में सन् १६०२ के फरवरी मास की १५ तारीख को हुअा था। पापको अपने पूज्य पिता श्री नरपतराय जी से जो धर्म संस्कार प्राप्त हए थे, वे निरन्तर आपमें विकसित होते जा रहे हैं।
स्कूली शिक्षा के रूप में आप चाहे अपने युग के अनुसार विशेष शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाए, किंतु आपकी शैक्षणिक योग्यता बहुत ही विलक्षण है ।
केवल १२ वर्ष की अवस्था में आपने व्यापारिक जगत में प्रवेश किया प्रौर गुजरांवाला में प्राकर थोक कपड़े का व्यापार प्रारम्भ कर दिया। पश्चात् जेहलम चले गये। पाकिस्तान बनने के बाद आप देहली मा गये और यहां पर "नरपतराय खरैतीलाल जैन" अमेरिकन रबड़ मिल्ज देहली, एन० के० (इण्डिया) रबड़ कम्पनी प्रा० लि. दिल्ली (गुड़गांवा), कोरोनेशन स्पोटिंग सेल कम्पनी (गुड़गांवा) आदि प्रौद्योगिक संस्थानों की स्थापना कर व्यापारिक जगत में विशेष प्रतिष्ठा प्राप्त की और एक करोड़ छप्पन लाख का निर्यात करके देश को विदेशी मुद्रा से सम्पन्न किया। आपको वनपीस ब्लैडर बनाने के उपलक्ष्य में स्वर्णपदक द्वारा तथा तीन बार भारत सरकार की ओर से 'एक्सपोर्ट प्राईज' द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। __आपने निजी सहायता से नरपरतराय खरैतीलाल जैन फाउण्डेशन और श्री आत्मवल्लभ फ्री होम्योपैथिक औषधालय की स्थापना कर रोगियों की सहायता द्वारा उनके आशीर्वाद प्राप्त किये हैं और कर रहे हैं।
__आप आत्मवल्लभ यात्रीभवन पालीताणा के चेयरमैन और श्री आत्मवल्लभ जैन स्मारक शिक्षण निधि देहली, श्री आत्मानन्द जैन महासभा उत्तरी भारत, श्री शान्तिनाथ जैन मंदिर रूपनगर, हस्तिनापुर जैन तीर्थ प्रबन्धक कमेटी प्रादि संस्थानों के सक्रिय सहयोगा एवं कर्मठ कार्यकर्ता हैं । आप रात्रि-भोजन का त्याग, कन्द-त्याग आदि धार्मिक आस्थाओं का विधिवत् पालन करते हैं।
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