SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 421
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३८४ मध्य एशिया और पंजाब में जैनधर्म mr m m m २८. क्षुल्लककुमार प्रबन्ध पद्मराज P/ पुण्यसागरोपाध्याय १६६७ मुलतान २६ चन्दन मलयगिरि चौपाई कल्याणकलश १६६३ मरोट ३०. चन्दन मलयगिरि चौपाई क्षेमहर्ष P/विशालकीर्ति १७०४ मरोट ३१. चम्पक चौपाई रंगप्रमोद P/ज्ञानचन्द्र १७१५ मुलतान ३२. चित्रलेखा चौपाई दयासागर P/जीवराज १६६६ दिल्ली ३३. जम्बुस्वामी चौपाई सुमतिरंग P/चन्द्रकीर्ति १७२६ मुलतान ३४. जम्बुस्वामी चौपाई पद्मचन्द्र P/पद्मरंग। १७१४ सिरसा ३५. ज्ञानकला चौपाई सुमतिरंग P/चन्द्रकीर्ति १७२२ मुलतान ३६. दयादीपिका चौपाई धर्ममंदिर P/दयाकुशल १७४० मुलतान ३७. देवराज वच्छराज चौपाई परमानन्द P/जीवसुदर १६७५ मरोट ३८. ध्यानदीपिका चौपाई देवचन्द्रोपाध्याय P/दीपचंद १७६६ मुलतान ३६. धर्मबुद्धि पापबुद्धि रास लाभवर्द्धन P/शांतिहर्ष १७४२ सिरसा ४०. नेमिनाथ विवाहलो महिमसुन्दर P/साधुकीति १६६५ सरस्वतीपत्तन ४१. मंगलकलश रास कनकसोम १६४६ मुलतान ४२. मतिसागर चौपाई विद्याकीर्ति P/पुष्पतिलक १६७३ सिरसा ४३. मृगापुत्र चौपाई लक्ष्मीप्रभ P/कन कसोम १६७७ मुलतान ४४. मृगावती रास समयसुन्दरोपाध्याय १६६८ मुलतान ४५. मैतार्य मुनि चौपाई अमरविजय P/उदयतिलक १७८६ सिरसा ४६. श्री कर्मचन्द्र वंशोत्कीर्तन (काव्य) जयसोमोपाध्याय १६५० लाहौर ४७, मोहविवेक रास धर्ममंदिर P/दयाकुशल १७४१ मुलतान ४८ मोहविवेक रास सुमतिरंग P/चन्द्रकीति १७२२ मुलतान ४६. रत्नकुमार चतुष्पदिका सुमतिकल्लोल १६७६ मुलतान ५०. शील रास सिद्धिविलास P/सिद्धिवर्धन १८१० लाहौर ५१. देवराज चौपाई विनयलाभ P/विनयप्रमोद १७३० मुलतान ५२. विजयसेठ विजया प्रबन्ध ज्ञान मेरु P/महिमसुदर १६६५ सिरसा ५३. विजयसेठ चौपाई राजहंस P/कमललाभ १६८२ मुलतान ५४. विद्याविलास रास जिनहर्ष P/शांतिहर्ष १७११ सिरसा ५५. सुदर्शन सेठ चौपाई अमरविजय P/उदयतिलक १८वीं शती नापासर ५६. सुप्रतिष्ठ चौपाई अमरविजय P/उदयतिलक १७६४ मरोट ५७. सूरप्रिय रास जयनिधान P/रामचन्द्र १६६५ मुलतान वच्छराज प्रबन्ध विनयमेरु P/हेमधर्म १६६६ लाहौर ५६. हरिकेशी संधी सुमतिरंग P/कनककीति १७२७ मुलतान ६०. हरिबल चौपाई पुण्यहर्ष P/ललितकीति १७३५ सिरसा ६१. जैनसार वावनी रघुपति P/विद्यानिधान १८०२ नाणसर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003165
Book TitleMadhya Asia aur Punjab me Jain Dharm
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Duggad
PublisherJain Prachin Sahitya Prakashan Mandir Delhi
Publication Year1979
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy