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________________ धून जगावोने कर्म खपावो, कर्म खपावी मोक्ष पामीये रे, ओ भक्ति २ धून जगावोने प्रेम वधारो, प्रेम वधारी सिद्धि पामीये रे, ओ. भक्ति ३ जय जय श्री... गौतमस्वामी धून जगावो.... गौतमस्वामी सुरिमंत्रमा..... गौतमस्वामी लब्धिधारी ....... गौतमस्वामी गोबरगगाममां... गौतमस्वामी वसुभूतिनंदन.... गौतमस्वामी पृथ्वी जायानां... गौतमस्वामी वीरभुना ...... गौतमस्वामी सुखो आपें.... गौतमस्वामी दुःखो कापें...... गौतमस्वामी सहुना मनमां... गौतमस्वामी जयां जुओ त्यां.. गौतमस्वामी सहुना प्यारा... गौतमस्वामी कुंडलपुरना .... गौतमस्वामी » बोलो अॅक मीठा ललकारें > (राग-घर घर दिवडा प्रगटावो) बोलो ओक मीठा ललकारे, गौतम नामे छे जयकार गावो, गावो रे, गावो, गावो रे.... गौतम गुण प्रेमथी..... अंधेरी संघमंदिरना भव्य द्वारे, रुडा गौतम लब्धि तप थाये भव्य जननी भीड उभराये, घर घर मंगलनादो गवाये गावो...१ Jain Education mational Private & Personal use only. jainelibrary.org
SR No.003164
Book TitleLabdhinidhan Gautamswami
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarshbodhivijay
PublisherAndheri Jain Sangh
Publication Year
Total Pages140
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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