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________________ आंखडी आजे हरखे स्वामी, तुम दरिशनसे मारी रे, देजो मुजने शीतल छाया, गौतम नित्य सवारी गुरु....४ मुंबई शहेर अंधेरी संघ, गोयमपद आराधे रे, सूर्योदये गौतम पद नमता, भद्र आतम काज साधे गुरु.....५ <> में भेट्या गौतमस्वामी >> 8. (राग-में भेट्या नामिकुमार) में भेट्या गौतमस्वामी, में भेट्या पृथ्वी मातानंद, सफल भइ मेरी आजकी घडीया, सफल भये नैना प्राण गोबर मंडण तुं घणी रे, लब्धितणो भंडार, गौतमस्वामी नामथी रे, संघ सदा सुखकार में...१ में...२ संशय दूर निवारीयो रे, महावीर प्रभुनी पास, प्रतिबोध करता देवशर्माने, पछी पाम्या केवलज्ञान वीर जिन केवलज्ञान पछी रे, पाम्या संयम महान, श्री वीर जिन निर्वाण पछी रे, पाम्या केवलज्ञान में...३ घणा दिवसनी चाह हती रे, देखवा तुम देदार, जयशेखर सूरि ओम बोले रे, वा जय जयकार में...४ Jain Educatinternational Fat Private Personal use only melibrary ore
SR No.003164
Book TitleLabdhinidhan Gautamswami
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarshbodhivijay
PublisherAndheri Jain Sangh
Publication Year
Total Pages140
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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