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________________ : : तप त्याग- तितिक्षा की त्रिमूर्ति श्री गौतम स्वामी को हमारी वंदना । :: अनुत्तरज्ञान दर्शनधारक श्री गौतम स्वामी को हमारी वंदना । * : श्री वीर पट्टांबर भास्कर श्री गौतम स्वामी को हमारी वंदना । : : सूरिमंत्र मध्यागत श्री गौतम स्वामी को हमारी वंदना । + : निर्मल उपकार वृत्ति संपन्न श्री गौतम स्वामी को हमारी वंदना । + : परम मंगल स्वरुप श्री गौतम स्वामी को हमारी वंदना । + : ऋषिमंडल स्तोत्र कारक श्री गौतम स्वामी को हमारी वंदना । + : कलिकाल कल्पतरु श्री गौतम स्वामी को हमारी वंदना । अरिहंत वंदनावली १. माताने हर्ष जे चौद महास्वप्नो थकी निज-मातने हरखावता, वली गर्भमांहि ज्ञानत्रयने गोपवी अवधारता, ने जन्मतां पहेला ज चोसठ इन्द्र जेने वंदता, एवा प्रभु अरिहंतने पंचांग भावे हू नमुं.... Jain Education International For Private & Personal Use Only ओवा. १ www.jainelibrary.orge
SR No.003164
Book TitleLabdhinidhan Gautamswami
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarshbodhivijay
PublisherAndheri Jain Sangh
Publication Year
Total Pages140
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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