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________________ * : वसुभूति-पृथ्वीनंदन श्री गौतम स्वामी को हमारी वंदना। * : श्री सरस्वती देवी, श्री त्रिभुवन स्वामीनी देवी,श्रीश्रीदेवी, यक्षराजगणि पिटक चौसठ इन्द्र-चौबीसयक्ष-चौबीसयक्षीणीसोलह विद्यादेवी-संपूजिताय श्रीगौतम स्वामी को हमारी वंदना। *-: संकट विदारक श्री गौतम स्वामी को हमारी वंदना। *: गुणगणाधर श्री गौतम स्वामी को हमारी वंदना। * : वादिविजेता श्री गौतम स्वामी को हमारी वंदना। * : दिग्गजविद्वान् श्री गौतम स्वामी को हमारी वंदना। *: नित्यछट्ठोपवासी श्री गौतम स्वामी को हमारी वंदना। * : जगचिन्तामणि श्री गौतम स्वामी को हमारी वंदना। *: प्रौढप्रतापी श्री गौतम स्वामी को हमारी वंदना। * : मंत्रतंत्र यंत्र केन्द्रवर्ति श्री गौतम स्वामी को हमारी वंदना। * : सर्वांग संपूर्ण श्री गौतम स्वामी को हमारी वंदना। * : सर्वगुण संपन्न श्री गौतम स्वामी को हमारी वंदना। * : वचनसिद्ध महापुरुष श्री गौतम स्वामी को हमारी वंदना। Jain Education Interesa Forrivate & Personal use only ww. ainelibrary.org
SR No.003164
Book TitleLabdhinidhan Gautamswami
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarshbodhivijay
PublisherAndheri Jain Sangh
Publication Year
Total Pages140
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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