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________________ परिस्ट २. शैक्षिक “शान्ति की शिक्षा सभी को इस दिशा में निम्नांकित कार्य पूरी तत्परता और निय से सम्पादित किये जाएं(१) शान्ति और अहिंसा के कार्यों में अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग प्राप्त करने की दिशा में अध्ययन,प्रशिक्षण और अन्वेषण को प्रोत्साहन । शान्ति-गवेषणा की दिशा में किये गये सामूहिक एवं व्यक्तिगत प्रयत्नों के इतिहास का अनुगमन तथा उन प्रयलों की कमियों और विशेषताओं का उचित विश्लेषण करते हुए शान्ति स्थापना की नई व्यूह-रचना की तैयारी। (३) कविता, ललित कला, संगीत, नृत्य, नाटक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आदान-प्रदान द्वारा शान्ति की शिक्षा को प्रोत्साहन । (४) समाचार पत्रों के माध्यम से शान्तिनिष्ठ कार्यक्रमों और सूचनाओं का भरसक प्रचार-प्रसार। मानवाधिकार घोषणा-पत्र के अध्ययन और उसके क्रियान्वयन पर विशेष बल। (६) बाल-अधिकार घोषणा-पत्र का भली प्रकार से अध्ययन एवं क्रियान्वयन। युद्ध के विरुद्ध बनाये गये न्यूरम्बर्ग-सिद्धान्तों का अध्ययन तथा विश्व शान्ति के सिद्धान्तों और अन्तर्राष्ट्रीय सामरिक विधि-विधान के परिप्रेक्ष्य में उनमें उपयुक्त संशोधन । (c) विभिन्न राष्ट्रों के संविधानों का अध्ययन करके यह निष्कर्ष निकालना कि मनुष्य के मौलिक अधिकारों के रक्षार्थ तथा मानवाधिकार घोषणा-पत्र के क्रियान्वयन की उनमें क्या व्यवस्था है तथा उसकी क्या कार्य-पद्धति है? (९) पारिवारिक स्तर पर भी अहिंसा के प्रशिक्षण की घोषणा एवं व्यवस्था। (१०) यह भी सीखना और सिखाना कि हम अपनी बात अन्य लोगों को सफलतापूर्वक कैसे समझा सकते हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003163
Book TitleVishwashanti aur Ahimsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2003
Total Pages74
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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