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ध्यान कब सधेगा?
करना भी सीखें। ऐसा होने पर ही ध्यान का कोई अर्थ होगा। निरन्तर अभ्यास चले
तीसरा तत्त्व है सदा अभ्यास। अभ्यास निरंतर चले। आपने प्रशिक्षण भी पा लिया और उपशमन करने का प्रयोग भी किया किन्तु अभ्यास सदा नहीं चलेगा तो ध्यान सधेगा नहीं। हमारे पास जो आध्यात्मिक शक्ति है, उसका नाम है क्षयोपशम । उसकी प्रकृति बड़ी विचित्र होती है। कुरान में एक दृष्टांत है-आदमी नदी पर स्नान करने गया। उसमें डुबकी ली। नदी के जल पर शैवाल छाई हुई थी। शैवाल इतनी मोटी होती है कि उसे हटाए बिना कुछ दिखाई नहीं देता। आदमी के ऊपर शैवाल आ गई। आदमी ने हाथ हिलाया, शैवाल को हटाया, उसे आकाश दिख गया, चांद दिख गया। जैसे ही फिर उसने हाथ हिलाना बन्द किया, शैवाल फिर आड़े आ गई, कुछ भी दिखाई नहीं दिया। हाथ हिलाओ, शैवाल को हटाओ तो आकाश दिखेगा। हाथ हिलाना बंद करो तो आकाश का दर्शन बंद हो जाएगा।
यही है क्षयोपशम की प्रकृति । पुरुषार्थ करो, प्रयत्न करो तो आकाश का दर्शन या आत्मा का दर्शन होगा। हाथ हिलाना बंद करो, फिर शैवाल आ जाएगी, आकाश-दर्शन या आत्म-दर्शन बंद हो जाएगा। इतना कमजोर साधन है क्षयोपशम। यदि क्षायिक भाव आ जाए तो फिर कोई जरूरत नहीं है, किन्तु हम क्षयोपशम में जी रहे हैं, हमारा साधन बड़ा दुर्बल है। आइंस्टीन ने कहा- हम वैज्ञानिक लोग बहुत अभिमान करते हैं कि हम सचाइयों को जानते हैं किन्तु हम इस बात को भूल जाते हैं कि हमारे पास जानने के साधन दो हैं-इन्द्रियां और मन । ये कितने दुर्बल हैं? उनके आधार पर हम यह कहें कि हमने पूरा सत्य जान लिया, यह कितना मिथ्या भ्रम है।' इसलिए उन्होंने कहा-'जिस सत्य को हम जानते हैं, वह निरपेक्ष है, ऐसा हम नहीं कह सकते। हम सापेक्ष सत्य की बात कह सकते हैं। एकांगी या पारमार्थिक सत्य की बात हम नहीं सोच सकते
__ हमारी भी यही स्थिति है। हमारे पास क्षयोपशम है। उसका उपयोग करें। अभ्यास रोज चलेगा तो ध्यान सधता चला जाएगा। अभ्यास छोड़ेंगे तो शैवाल आ जाएगी, आत्म-दर्शन बंद हो जाएगा। निरन्तर अभ्यास चले, अभ्यास बंद न हो तो ध्यान सध पाएगा। मन की एकाग्रता
चौथी बात है-मन की एकाग्रता। हम मन को एकाग्र कर लें। प्रेक्षाध्यान के बहुत सारे प्रयोग एकाग्रता को साधने के लिए हैं। एकाग्रता ध्यान का परिकर्म है। एक व्यक्ति कुश्ती लड़ता है तो पहले परिकर्म करता है। वह कुश्ती दंगल में लड़ता है किन्तु कुश्ती लड़ने से पहले तेल मालिश करता है, जल से स्नान करता है और थकान को
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