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________________ विन्ध्यगिरि ३८. वैशेषिक, दर्शन ३९. विराट पौ० न० १३८. वैष्णव, सम्प्रदाय १३६, ४९२, भू० विलसनकट्ट, सरो० ५३, ५६. १०२. विशाला ( राज्य ?) १. विशालाक्ष पंडित, मं०, भू. ३३. शकराजा, भू. ३०. विष्णु, वर्धन, होन०३३-४५, ४७, शङ्कर नायक, सर० ७३, १२०, २४९, ५०, ५२, ५३, ५६, ५९, ६२, भू. १०९. ९०, १२४, १३०, १३७, १३८, | शत्रुभयंकर न० ५४. १४४, ३६०, ४४५, ४७८, ४८६, शनिवार सिद्धि उ० १२४, ४९४, ४९१-४९५, ४९७ भू० ६, १०-१२, ३४, ३६, ४९, ५०, शबर, जा० ३८. ८२-९५, १००, १११. शम्भुदेव, चन्द्रमौलि मं०के पिता १२४ विष्णुभट्ट, भू० १४२. भू. ९७. शम्भुनाथ, पु० ३४४. वीरगङ्ग, उ० ४५, ५३, ५६, ५९, 'शरच्चन्द्र घोषाल, प्रो०, भू० २९. ___ ९०, १२४, १३०, १३७, ३६०, शशपुर-अंगडि, ग्रा० ५६, ४९९,भू० ४४५, ४८६, ४९३. ८३, ८४. वीर नारसिंह (द्वि० ) हो० न० ८१. शान्त-दण्डराज ४९९ भू० ९९. वीर नारसिंह ( तृ० ) हो. न. ९६. | शान्तवर्णि, पु०, भू. ३३. वीर पल्लवराय १२० भु० १०९. शान्तल देवी, बूचिराजकी भार्या ११५ वीर पाण्डय, कारकल मूर्तिके प्रतिष्ठा भू० ९४. पक, भू० ३४. शान्तला, शान्तलदेवी, विष्णुवर्धनकी वीर बल्लाल (द्वि०) हो० न० ९०, १०७, रानी ५०, ५३, ५६, ६२ भू. १२४, १२८, १३०, ४९१, ११, ९२, ९३. ४९९. शान्तिकब्बे, नेमिसेट्टिकी माता २२९ वीर राजेन्द्र पेटे, ग्रा० ४६८. ___ भू० १२, ८८. वेगूर, ग्रा० १५३. शान्तिनाथ बस्ति भू. ७, ५०, ५१. वेल्गोल बेल्गोल १७-१८. शान्तीश्वर बस्ति भू०१२, ४१, १०३. वेल्माद, ग्रा. ७. शासनबस्ति-इन्दिराकुल गृह भू० १०, वैदिश, नगर० ५४. Jain Education International www.jainelibrary.org For Private & Personal Use Only
SR No.003151
Book TitleJain Shila Lekh Sangraha 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Jain
PublisherManikchand Digambar Jain Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages662
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size21 MB
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