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३२६ चन्द्रगिरि पर्वत के प्रवशिष्ट लेख २४५ ( १६३) तम्मय्यङ्ग परोक्षविनयनिशिधि श्रीध
रङ्ग परोक्ष-विनय तम्मवेगे परोक्ष
विनयनिशिदि । २४६ ( १६४).........दलि क.........गो......
ग्गलं गङ्ग...निसिदिगेय निरिसिदन् । ............गमदे......गलिय...
सगि................ भद्रबाह गुफा के प्राग्य कान पर २४७ (१६८) श्रीमतु लक्ष्मीसेन भट्टारकदेवर शिष्यरु
मल्लिसेन-देवर निसिधि । चन्द्रगिरि की चोटी पर चरण-चिह्न के नीचे २४८ (१६६) श्री भद्रबाहुभलिस्वामिय पाद । चन्द्रगिरि के मार्ग पर चरण-चिह्न के नीचे २४६ (१७१ ) [ तामिल अक्षरों में ]
कोदइ-शङ्करनु मलयशारगलिङ्ग, निन्हें
कलनिक्कु मेर्कु निन् पुलिक्कु निरै । तोरनगम्ब के वायव्य में जिन-मूर्ति के पास २५० ( १७२ ) साम.........देवरु......
चामुण्डराय शिला पर मूर्तियों के नीचे २५१ ( १७३) श्रीकनकनन्दि देवरु पसि देवरु मलि
देवरु ।
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