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चन्द्रगिरि पर्वत पर के शिलालेख
ल्लेगड जगत्प्रसिद्धि गेले. महान्नति - वे...ग...... 'मेल्ल मालवानरिवें......
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मुखाब्जनेत्रोत्पलालकालाल शिली
मुखनिकर - दिने सेवुदु पदनख
कमलाकरविलासमहितर जवन ॥ १० ॥
मन्त्रिसि पिरिदीवंताद
लं नुडियाडर्दु माणनल रिन्दमिदे
नुन्नतिवडेदुदो चागद
नन्निय बीरद नेगल्ते चलदग्गलिया ॥ ११ ॥ शरदमृत किरणरुचियिं चराचरव्याप्तियि जगज्जननुतिथि करमे से दिल्दपुदेनी
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( पूर्वमुख )
दुस्थितेला कल्पतरुवेम्बुदु वैरिनरेन्द्रकुम्भकुम्भस्थल- पाटन - प्रवण - केस रिम्बुदु कामिनीजने - रस्थलहारमेम्बुदु महाकविचित्तसरोरुहाकरावस्थित हंस नेम्बुदु समस्त महीजनमिन्द्रराजनं ॥ ८ ॥ पुसिवुदे तक्कु कोट्टलिपि कोल्वुदे मन्तणमन्यनारिगाटिसुवुदे चित्तमीयदुदे विन्नणमारुमनेय्दे कुतुबविवुदे कल्त कल्पियेने मत्तवरं पेसर्गोण्डदेन्तु पलिसुवुदा पेलिमीगडिन राजतनूज रोलिन्द्रराजनं ॥ ८ ॥ निखिल विनमन्नरेश्वर
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