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________________ बात-बात में बोध सोचा, सुबह की ट्रेन से रवाना होना है, रात भर तुम्हारे साथ रह जाऊंगा। बचपन की स्मृतियां फिर ताजा हो जाएंगी। जिनेश्वरदास-यह तो अच्छा किया, मैं भी तुझसे मिलना चाह रहा था पर जीवन की विवशताएं कुछ ऐसी हैं कि चाहते हुए भी मिल नहीं सका। और बताओ, सेमिनार केसा क्या रहा ? . महावीर प्रसाद-बहुत अच्छा रहा। दो दिन तक अच्छी चर्चाएं चलीं। प्रतिदिन तीन गोष्ठियां होती थीं। जिनमें पूर्व निर्धारित विद्वानों के वक्तव्य होते, फिर कुछ समय के लिए प्रश्नोत्तर भी चलते । मैंने लगभग २५ मिनट तक जैन धर्म और दर्शन पर वक्तव्य दिया। जिनेश्वरदास-तुम्हारे वक्तव्य की प्रशंसा तो मैंने ऑफिस में एक मित्र से सुनी थी। काश ! मुझे भी ऐसे सेमिनार में भाग लेने का मौका मिलता। महावीर प्रसाद-कैसा है तुम्हारा स्वास्थ्य ? जिनेश्वरदास-प्रभु की कृपा से ठीक है। प्रोफेसर ! तुम गमीं से काफी परेशान लगते हो । पहले स्नान करलो फिर भोजन आदि कार्यों से भी निपटना है। महावीर प्रसाद -तुम्हारे यहां आया हूँ तो जो तुम कहोगे वही करना है । जिनेश्वरदास-मित्र ! एक बात का मेरे दिल में विचार जरूर है आज । महावीर प्रसाद-वह क्या ? जिनेश्वरदास-आज फैक्ट्री में मेरी नाइट डयूटी है इसलिए रात को मैं यहाँ नहीं रुक सकूगा। सुबह पांच बजे मैं यहां पहुंचगा। उस समय ही तुम्हारे साथ बैठ पाऊंगा। अच्छा हो, तुम कल यहीं रुक जाओ। दिन तुम्हारे साथ रहने का मौका मिल जाएगा। महावीर प्रसाद-तुम्हारी तरह मेरी भी विवशता है मित्र ! मुझे भी यूनिवर्सिटी जॉइन करनी है। कोई गम नहीं है, तुम जाओ, तुम्हारा लड़का तो यहीं है। उससे बातें करेंगे। मेरे प्रस्थान से एक घंटा पूर्व तो तुम आ ही जाओगे। जिनेश्वरदास-मेरी चेष्टा तो रहेगी समय से पूर्व ही घर पर पहुँच जाऊं । तुम्हारा आना भी तो बार-बार नहीं होता । बहुत सारी बातें करनी है तुम्हारे से। रवाना होने से पहले अपने हाथ से तुमको नाश्ता भी तो करवाना है। महावीर प्रसाद-मुझे नाश्ते की जरूरत नहीं रहेगी उस समय ! नाश्ता मैं रास्ते में ही कर लूंगा। जिनेश्वरदास-पर इससे मुझे संतोष नहीं होगा। तुम्हें अपने हाथ से नाश्त । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003142
Book TitleBat Bat me Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaymuni Shastri
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1995
Total Pages178
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Education
File Size8 MB
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