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नास्ति भाव बन्दी
१२१ ८१
विजय
१२२
५६
११८
-6
नास्ति बन्दी गूंजते गूंजते अनुभव अनुभव बन्दी भाव
c 01
४५ १२५ १२८ १०४
भाव
आंख-मिचौनी आंखों देखा सच आकार-प्रकार आक्रमण की शल्य-क्रिया आक्रमण की शल्य-क्रिया आगे बढ़ो आज का आदमी आज का आदमी आत्म-दर्शन आत्मलोचन आत्म-विश्वास आत्म-विश्वास आत्म-सत्य आत्मा और परमात्मा आत्मा और व्यवहार आदमी आदमी को इसलिए नहीं पहचानता आदर्श वह होता है आरती आराध्य के प्रति आरोहण-सोपान आरोहण-सोपान आलंबन की डोर आलंबन की डोर आलोक आलोक के लिए आलोक आलोक के लिए आलोचक आलोचना आलोचना और प्रशंसा
अनुभव अनुभव
गूंजते
१०६ ७४
१०८
१६८
गूंजते बन्दी भाव विजय नास्ति नास्ति विजय विजय नास्ति भाव
१४०
भाव
भाव
आवरण
अनुभव भाव
आवेग
गद्य-पद्य काव्य /७५
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