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- अनुभव का उत्पल
अनावृत
मन की शुद्धि और दिल की भलाई न मिले तो साफ-सुथरा शरीर और मृदु मुस्कान केवल धोखा है। फटे-चिथड़े और रूखा व्यवहार महत्ता को ढक नहीं सकते।
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