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तेरापंथ का राजस्थानी में अनूदित साहित्य
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अतिरिक्त उन्होंने जयाचार्यकृत शासन-विलास एवं भिक्षु-दष्टांत इन दोनों ग्रन्थों का राजस्थानी में पद्यानुवाद किया है। उनके द्वारा रचित साहित्य का ग्रंथान लगभग १० हजार श्लोक प्रमाण है। पर अब तक यह साहित्य भी अप्रकाशित है। हम आशा करते हैं कि वह भी प्रकाशित होकर जल्दी जनता के हाथों में पहुचेगा।
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