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(२८) अर्थः-सफेद रंग वाले अरिहंत भगवंतके पदमें चन्दन और कर्पूरके लेपसे जिसका सफेद रंग है और जिसमें आठ कर्केतन (सफेद जातिके रत्नविशेष) और चौंतीस हीरे हैं ऐसा गोला स्थापन किया । यहां भाव यह है कि आठ प्रातिहार्योकी अपेक्षासे आठ कर्केतन रक्खे और चौंतीस अतिशयकी अपेक्षासे चौतीस हीरे रक्खे ।। ८५ ॥ ____ लाल रंगवाले सिद्धपदमें-इकतीस प्रवाल ( मुंगिए ) और आठ माणिक्य जिसमें रक्खें हैं ऐसा फिर नवीनरङ्गयुक्त केशर करके जिसमें लेप किया है ऐसा बड़ा गोला स्थापन किया. आठ कर्मके क्षयसे उत्पन्न हुए आठ गुणकी अपेक्षासे आठ माणिक्य रक्खे. और इकत्तीस गुगों की अपेक्षासे इकत्तीस प्रवाल रक्खे ॥८६॥
पीले रङ्गवाले सू रिपदमें गोमेदनामकपंचरत्नसंयुक्त और जिसमें छत्तीस सोनेके पुष्प है ऐसा चंदन केशरसे लिप्त गोला रक्खा, ज्ञानादिपंचाचारकरके युक्त होनेसे पांच गोमेदरत्न खखे, और छत्तीसगुणयुक्त होनेसे छतीस सोनेके कुसुम रक्खे ।। ८७ ।।
नीलवर्णवाले उपाध्यायपदमें चार इन्द्रनीलमणियुक्त और पच्चीस मरकत मणियुक्त नागवल्लीके दल जैसा नीलवर्णका गोला स्थापन किया। द्रव्यानुयोगादि चार अनुयोग युक्त होनेसे ४ इन्द्रनील, और पच्चीस गुणयुक्त होनेसे इतने मरकतमणि समझना ॥८८॥ श्याम रगंसे प्रसिद्ध साधुपदमें पंचरानपट्ट मणि (वैराटरत्न ) युक्त और सत्तावीस रिष्टमणि युक्त कस्तूरीसे लिप्तगोला भक्तिसे स्थापन किया
१-श्यामरत्न विशेष.
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