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________________ ३६ समस्या को देखना सीखें जी रहे हैं । पुलिस, सुरक्षा बल और सेना को बढ़ा रहे हैं, हिंसा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, नए-नए शस्त्र खोजे जा रहे हैं । विश्व को कुछ घंटों में समाप्त करने की शक्ति का संचय किया जा रहा है । आदमी गरीबी और भूख से प्रताड़ित हो रहा है | भूमि की सुरक्षा के लिए धन शस्त्र-सज्जा में बहाया जा रहा है । इस मानवीय मूर्खता का सबसे बड़ा कारण है तनाव और उस तनाव को जन्म दिया है शत्रुता की भावना ने । बाधा है निषेधात्मक तत्त्व विश्व-बंधुत्व के मार्ग में आने वाली कठिनाइयों को भी हम नजरअंदाज न करें। सबसे पहली कठिनाई है— सब मनुष्यों का मस्तिष्क समान नहीं होता, चिन्तन समान नहीं होता, भावना समान नहीं होती, समझ समान नहीं होती, इन्द्रिय-निग्रह समान नहीं होता, मानसिक नियंत्रण समान नहीं होता, विवेक समान नहीं होता । इस असमानता का लाभ उठाकर हिंसा, आतंक, अपराध, दूसरे के सत्व का अपहरण करने की मनोवृत्ति, आक्रमण आदि निषेधात्मक तत्व अपना पंजा फैला देते हैं। क्या इन बाधाओं को चीर कर विश्व-बंधुत्व की भावना को व्यापक नहीं बनाया जा सकता ? यदि मनुष्य को तनावमुक्त, अभय, शांति और आनन्द का जीवन जीना है तो अवश्य ही इन बाधाओं को पार करने का सेतु निर्मित करना होगा और वह सेतु बनेगा मस्तिष्कीय प्रशिक्षण अथवा हृदय-परिवर्तन । विश्व-बंधुत्व के आधार-सूत्र भारत की मानविकी ने विश्व को व्यापक बनाने के जो सूत्र दिए हैं, उनका प्रशिक्षण बहुत महत्त्वपूर्ण है । कुछ सूत्रों का उल्लेख करना अप्रासंगिक नहीं होगा । विश्व-बंधुत्व के आधारभूत सूत्र हैं: १. आत्मौपम्य की भावना का विकास । २. मनुष्य जाति की एकता में विश्वास | ३. धर्म की मौलिक एकता में विश्वास । ४. राष्ट्रीय अथवा विभक्त भूखण्ड के नीचे रहे हुए अखण्ड जगत् की अनुभूति । ५. मैत्री और करुणा का विकास । ६. व्यक्तिगत स्वामित्व की सीमा । ७. शस्त्र के प्रयोग की सीमा । ८. अनावश्यक हिंसा की वर्जना । ९. संयम का विकास । मानवीय संबंध सुधरे इन सूत्रों का प्रचार-प्रसार हो, ये जन जन तक पहुंचे, इतना ही पर्याप्त नहीं है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003134
Book TitleSamasya ko Dekhna Sikhe
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1999
Total Pages234
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size9 MB
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