________________
१२४
समस्या को देखना सीखें
लोगों के बड़े भाग को कष्ट पहुंचा रहा हो, दूसरी तरह से उसका निवारण न होता हो तो तब उनका नाश करें तो यह अनिवार्य समझकर अहिंसा में खायेगा या नहीं ?
महात्मा गांधी ने उत्तर दिया-अहिंसा की जो मैंने व्याख्या की है, उसके ऊपर के तरीके पर मनुष्य वध का समावेश ही नहीं हो सकता । किसान तो अनिवार्य नाश करता है, उसे मैंने कभी अहिंसा में गिनाया ही नहीं है। यह वध अनिवार्य होकर क्षम्य भले ही गिना जाए, किन्तु अहिंसा तो निश्चय ही नहीं है ।'
महात्मा गांधी अध्यात्म, अहिंसा के क्षेत्र में दुर्लभ व्यक्तित्व हैं । इस भौतिकवादी वातावरण में उनको खोजना सत्य को खोजना है | किन्तु अध्यात्म निष्ठा से शून्य गांधी के नाम से चल रहे उद्योगों, संस्थानों, प्रतिष्ठानों और रचनात्मक प्रवृत्तियों में उनकी आत्मा को नहीं खोजा जा सकता । इस कटु सत्य को सामने रखकर ही गांधी के बारे में कुछ सोचा जाए । वर्तमान के लिए यह अधिक उपयोगी होगा ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org