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प्रेक्षाध्यान : मानसिक प्रशिक्षण के पांच सूत्र
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११. व्यसन मुक्ति । १२. तनाव-जनित रोगों का निवारण । १३. शरीर और मन से स्वस्थ व्यक्तित्व का विकास । १४. मन विकल्पशून्य होने से एकाग्रता सधती है। उससे ज्ञान-तंतु
और मांसपेशियां प्रशिक्षित होती हैं।
प्रेक्षाध्यान मानसिक प्रशिक्षण और मानसिक चेतना के जागरण की एक सहज-सरल प्रक्रिया है ।
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