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________________ का प्रयोग। जिन बच्चों में गुस्से की प्रवृत्ति ज्यादा होती है, उन्हें दीर्घ श्वास का प्रयोग बराबर कराया जाए तो निश्चय ही उसके अनुकूल परिणाम आएंगे। बच्चों के लिए नहीं, सभी के लिए यह अचूक उपाय है कि गुस्सा आते ही पांच-सात मिनट दीर्घश्वास का प्रयोग किया जाए, गुस्सा समाप्त हो जाएगा। यह अनुभव सिद्ध तथ्य है कि छोटा श्वास आता है तो गुस्सा उतर आता है, श्वास लम्बा होता है तो आवेश विदा हो जाता है। आवेश को विदा करने का सबसे अच्छा उपाय है श्वास को लम्बा करना । आवेशों को निमंत्रित करने का सबसे सरल उपाय है छोटा श्वास लेना । आवेश तब आता है, जब श्वास छोटा चलता है या जब आवेश आता है तब वह श्वास को छोटा बनाकर आता है । दीर्घ श्वास में आवेश आए, यह सम्भव ही नहीं है। जरूरी है जागरूकता तनाव को कम करने का एक उपाय है शिथिलीकरण भी है, किन्तु संस्कार देने वाले ये उपाय तभी कारगर होंगे जब बच्चे के माता-पिता इस संबंध में जागरूक होंगे। जागरूकता नहीं है और ठीक से समझा नहीं जाता है तो जानी हुई, सुनी हुई बात भी काम नहीं देती । न्यायाधीश ने चोर से कहा- 'तुम बार - बार दूसरों के घर में क्यों घुस जाते हो ? मैंने तुमसे कई बार कहा है कि दूसरों के घर में चोरी से प्रवेश न किया करो, किन्तु तुम ऐसी हरकत बार-बार क्यों करते हो ? चोर ने कहा - 'मान्यवर ! मुझे आपकी नसीहत हर समय याद रहती है, किन्तु क्या करूं, जब घर के मुख्य द्वार पर 'स्वागतम्' लिखा देखता हूं, तब मैं स्वयं को रोक नहीं पाता ।' अवश्यंभावी है परिणाम हम हर बात का गलत अर्थ लगाने के आदी हो गये हैं। बात को ठीक से नहीं समझते हैं या कोई बहाना बना लेते हैं, चालाकियां करते हैं । निर्माण कहां से हो ? कैसे हो ? निर्माण के लिए पूरी सचाई के साथ इन बातों पर ध्यान दिया जाए, यह अपेक्षित है - कैसे अपने संस्कारों का निर्माण करें, कैसे अपने बच्चों के संस्कार का निर्माण करें ? आवेशों पर नियंत्रण का सुखद Jain Education International कैसे करें संस्कारों का निर्माण ? / १७७ www.jainelibrary.org For Private & Personal Use Only
SR No.003130
Book TitleVichar ko Badalna Sikhe
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year2005
Total Pages194
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size8 MB
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