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________________ विज्ञान की भाषा में इसे डिसऑर्डर ऑफ साइकिक कलर कहा जा सकता है । जब साइकिक कलर या आभामण्डल का डिसऑर्डर होता है, तब अनेक समस्याएं पैदा होती हैं। पहले आभामण्डल के बारे में हमें कम जानकारियां थीं। प्राचीनकाल में कुछ जानकारियां थीं, किन्तु आज इसकी बहुत चर्चा है। आज आभामण्डल (ओरा) और भामण्डल (हेलो) पर काफी काम हो रहा है। आज आभामण्डल डाइग्नोसिस का भी एक प्रमुख साधन बन गया है। आभामण्डल का फोटो लिया जाता है और उस फोटो के आधार पर सही निदान होता है। हमारे जीवन का भी यह एक लक्षण बन गया है। यंत्र द्वारा हृदय की धड़कन, श्वास आदि की जांच होती है। जांच में सिद्ध हो जाने पर आदमी को मृत घोषित कर दिया जाता है। किन्तु आज यह कहा जा रहा है कि जब तक मस्तिष्क की कोशिकाएं सक्रिय हैं, तब तक आदमी मरता नहीं है। इससे भी आगे दो कदम बढ़कर कहा जा रहा है कि जब तक आभामण्डल जीवित हैं, तब तक आदमी मरता नहीं है। बहत बार ऐसी घटनाएं घटती हैं कि मृत आदमी श्मशान में जाकर जीवत हो जाता है। लोग समझते हैं कि भूत बन गया। वस्तुतः वह भूत-प्रेत कुछ भी नहीं होता। एक गहरी मूर्छा होती है और वह टूट जाती है। कारण एक ही है कि आभामण्डल मरा नहीं। मृत्यु की अंतिम कसौटी हो गयी है आभामण्डल। हमारा साइकिक कलर अव्यवस्थित होता है तो स्वास्थ्य की स्थिति गड़बड़ा जाती है। भावधारा इससे आगे बढ़ें। तीसरी अवस्था है-भावधारा-डिसऑर्डर ऑफ इमोशन। जब इमोशन का रूप अव्यवस्थित बनता है, तब सारी अव्यवस्थाएं एक साथ आगे की ओर बढ़ती हैं। जब यह भावधारा अव्यवस्थित होती है तब उससे हमारी प्राणऊर्जा प्रभावित होती है। प्राणऊर्जा के अव्यवस्थित होने पर नाड़ीतंत्र और ग्रंथितंत्र प्रभावित होता है। उनके प्रभावित होने से शरीर का पूरा सिस्टम ही गड़बड़ा जाता है। आज वैज्ञानिक खोजों से यह अच्छी तरह प्रमाणित होता जा रहा है कि हिंसा, सांप्रदायिकता की मनोवृत्ति केवल बाहर से ही नहीं, हमारे भीतर से भी आती है। भीतर में जिस तरह का भाव पैदा होता है, उससे हमारे रासायनिक परिवर्तन होते हैं। जब हमारे १२६ / विचार को बदलना सीखें Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003130
Book TitleVichar ko Badalna Sikhe
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year2005
Total Pages194
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size8 MB
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