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________________ १६६ तथा कैंसर की संभावनाओं से इन्कार नहीं किया जा सकता । आस्ट्रेलिया, जहां सर्वाधिक मांस भोजन खाया जाता है और जहां प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष १३० किलो गोमांस (Beaf) की खपत है वहां (Bowel) आंतों का कैंसर सबसे अधिक है। Dr. Andrew Gold ने अपनी पुस्तक 'Diabetes : Its Causes and Treatment' में शाकाहारी भोजन की ही सलाह दी है । जैन दर्शन और विज्ञान आंतों का अलसर, अपैन्डिसाइटिस आंतों और मल द्वार का कैंसर (Ulcreative colitis. Appendicitis. Cartinoma of colon and rectum) ये रोग शाकाहारियों की अपेक्षा मांसाहारियों में अधिक पाए जाते हैं । अन्य बीमारियां मांसाहारी लोगों का पेशाब प्राय: तेजाबयुक्त होता है। इस कारण शरीर से रक्त का पेशाब और क्षार का अनुपात ठीक रखने के लिए हड्डियों में से क्षार के नमक खून में मिलते रहते हैं। इसके विपरीत शाकाहारियों का पेशाब क्षार वाला होता हैं । इसलिए उनकी हड्डियों का क्षार खून में नहीं आता और हड्डियां मजबूत रहती हैं। डॉ. ए. वॉचमैन और डॉ. डी. एस. बर्नसीन ने हार्वर्ड मेडिकल स्कूल रिपोर्ट, १९६९, पृ. 457 में लिखा है- मांसाहार पाचन-संस्थान को खराब करता है, क्योंकि वह मुंह की लार की प्रतिक्रिया को क्षार से अम्ल में परिवर्तित कर देता है । इस प्रकार लार अपने काम में सक्षम नहीं होती । मांसाहार जिन असाध्य रोगों को जन्म देता है, उनमें से कुछ इस प्रकार है। १. मिर्गी (Epilepsy) इन्फेक्टेड मांस से होने की संभावना है। २. गुर्दे की बीमारियां (Kidney Diseases) - मांसाहार अधिक प्रोटीनयुक्त होने से गुर्दे खराब करता है । ३. संधिवात, गठिया आदि (Rheumatoid artheritis, gout etc.) - मांसाहार खून से यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ाता है। इससे ये बीमारियां हो सकती है। ४. ऐथेरोस्क्लेरोसिस - रक्त धमनियों का मोटा होना। यह बीमारी मांसाहार में विद्यमान पोलीसेचुरेटेड फेट्स, कोलेस्टेरोल आदि से होती है। इससे विपरीत १. Role of Vegetarian Diet in Health and Disease, Bombay. २. Medical Basis of Vegetarian Nutrition, New Delhi. ३. Medical Basis of Vegetarian Nutrition, New Delhi; डॉ नेमीचन्द जैन, अण्डा ही जहर है, इन्दौर । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003127
Book TitleJain Darshan aur Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahendramuni, Jethalal S Zaveri
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2008
Total Pages358
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Science
File Size15 MB
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