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५० अप्पाणं सरणं गच्छामि
गया और सचमुच नग्न होकर, बड़बड़ात हुआ बाजारों में घूमने लगा।
आज की वैज्ञानिक खोजों ने इस सचाई को बहुत उजागर किया है। विज्ञान सूक्ष्म-तरंगों तथा सूक्ष्म-प्रकंपनों से अद्भुत कार्य कर रहा है। ध्वनि और विचार के प्रकंपन हमारे चरित्र को प्रभावित करते हैं।
उपाधि को मिटाने के लिए किस प्रकार की ध्वनि तरंगें, विचार या भावना की तरंगें काम में लेनी हैं, इसको हम गभरता से समझें । उपाधि की चिकित्सा आधि की चिकित्सा होगी। आधि की चिकित्सा व्याधि की चिकित्सा होगी। इस आधार पर कहा जा सकता है कि प्रेक्षा-ध्यान की पद्धति एक महत्त्वपूर्ण चिकित्सा पद्धति है, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का महान् प्रयोग है।
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