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जन्म तिथि :२० फरवरी, १९६३ जन्म स्थान : नारायणपुर, भोजपुर, बिहार शिक्षा :एम० ए० द्वय-संस्कृत एवं
प्राकृत लब्ध स्वर्ण पदक जे. आर. एफ. नेट परीक्षा उत्तीर्ण
पी.एच.डी., डी लिट्-कार्यरत कार्यक्षेत्र : जुलाई १९८६ से सितम्बर १९९१ तक स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग मगध विश्वविद्यालय में अध्यापन एवं शोधकार्य। सितम्बर १९९१ से अनवरत जैन विश्वभारती मान्य विश्वविद्यालय, प्राकृत भाषा साहित्य विभाग में सहायक आचार्य के रूप में कार्यरत। प्रकाशन : ७० शोध-निबन्ध विभिन्न शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित। ग्रन्थ १. तेरापंथ का राजस्थानी को अवदान
(सम्पादित) २. पाइय कहाओ (सम्पादित) शीघ्र प्रकाश्य: १. रत्नपालचरित का समीक्षात्मक अनुशीलन २. निबन्ध-निचय (२० साहित्यिक शोध
निबन्धों का संग्रह) ३. सेतुबन्ध (प्रथम आश्वास) विस्तृत भूमिका
अन्वय, हिन्दी अनुवाद, व्याकरणिक टिप्पण विस्तृत व्याख्या सहित। ५. एम० ए० संस्कृत व्याकरण (आत्मनेपद,
परस्मैपद, लकारार्थ एवं कृत्य प्रक्रिया) विशेष शोधकार्य: १. गणाधिपति तुलसी एवं आचार्य श्री महाप्रज्ञ . का संस्कृत साहित्य २. तेरापंथ-साहित्य पर शोध-निबन्ध लेखन ३. जैन आगम के उपमानों का अनुशीलन ४. श्रीमद्भागवत का सौन्दर्यशास्त्रीयअध्ययन ५. श्रीमद्भागवत के गीतों का काव्य शास्त्रीय
अनुशीलन ६.प्राकृत-निपातों का भाषा वैज्ञानिक अनुशीलन