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________________ श्रीमद्भागवत महापुराण परमहंसों की संहिता है, जो केवल रस स्वरूप है। इसमें अनेक विषयों का प्रतिपादन किया गया है, जिसमें भक्ति और स्तुति प्रमुख है। इस महापुराण में १३२ स्तुतियां संग्रथित हैं जो विभिन्न अवसरों पर भगवद्भक्तों द्वारा अपने उपास्यों के प्रति समर्पित की गई हैं। उन्हीं स्तुतियों का समीक्षात्मक अनुशीलन करने का साधु प्रयास लेखक ने किया है। इसमें स्तुति का स्वरूप, स्तुति का मनोविज्ञान, स्तुति की परम्परा, भागवतीय स्तुतियों का वस्तुविश्लेषण, स्तुतियों में दार्शनिक तत्त्व एवं देवस्वरूप, काव्य तत्त्व, रस, अलंकार, छन्द भाषा आदि विविध पक्षों पर प्रकाश डाला गया है। यह ग्रन्थ अपने आप में अनूठा है। शोधार्थी एवं शोध-जगत् के लिए महदुयकारक तो है ही भागवत-रसिकों एवं अनाविल-मानस भक्तों के लिए परम सहायक तथा उनकी प्रभु विषयिणी रति को उद्बोधित एवं सम्बद्धित करने में भी समर्थ है। use
SR No.003125
Book TitleShrimad Bhagawat ki Stutiyo ka Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarishankar Pandey
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages300
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size12 MB
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