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क्रम सं.
पृष्ठ सं. (४) अध्ययन (५) अध्ययन
महानिशीथ में मुक्तक होने से यह सूत्र नहीं है। (६) अध्ययन
दशपूर्वधरनन्दीषण नन्दीषेण का प्रतिबोध शक्ति कैसे गुरु को गच्छपति बनाना चाहिये ? कल्की और आचार्य श्रीप्रभ चैत्यवास की उत्पत्ति प्रायश्चित्त-पद प्रायश्चित्त दान में अवैधता विचित्र प्रायश्चित्त-विधान
११५ संस्तारक-शयन-विधि
११७ अप्काय-तेजस्काय-स्त्रीशरीरावयव-संघट्ट का प्रायश्चित्त
११६ स्त्री शरीरावयवों के उपयोग का प्रायश्चित्त कुगुरुओं की उत्पत्ति
१२२ अध्ययन महानिशीथ के सार का परिशिष्ट
१२६ अल्पारंभ और महारंभ अल्प क्षयोपशम साधु के कर्तव्य अंतरंड-गोलि की ग्रहण विधि
१३३ महावीर के धर्म शासन में आचार्यों की संख्या साध्वियों के साथ साधुओं का विहार १३५ पंच सूना प्रचार आचार्यों के शिथिलाचार का महानिशीथकार पर असर
१३७ दुःष्षमा के अन्त में भावी अनगार और साध्वी १३७ धर्मचक्र तीर्थ यात्रा
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