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________________ सात पृष्ठ सं. m m ३०८ m ३१४ ३१४ ३१६ ३१८ ३१६ ३१६ ३२१ له क्रम सं. अफवाहें क्यों उडती है ? योगीजी का अध्ययन योगीजी की भविष्य वाणियाँ आबू तीर्थ की प्राचीनता आबू देलवाड़ा के जैन मंदिर १ विमल वसति तक्षशिला की हद में खुदे हुये उल्लेख विमल वसति की देवकुलिकाओं की प्रतिष्ठा विमल शाह का कुल और वंश विमल शाह के पूर्वजों की मूर्तियां विमल वसति की देहरियां और उनमें रहे हुए पट्ट आदि पट्टकों का स्वरुप वर्णन चतुर्विशति पट्टक १ चतुर्विशति पट्टक २ विचतुर्विंशति पट्टक ३ विमलवसति की हस्तिशाला २ लूणिग वसति वस्तुपाल तेजपाल के पूर्वजों के गुरु और पूर्वजादि की नामावली लूणिग वसति में रहे हुए पट्टकादि अर्बुद कल्पानुसार श्री विमल वसति और लूणिग वसति के जीर्णोद्धार ३ पित्तलहर अथवा भीमाशाह का चैत्य ४ त्रिभूमिक श्री पार्श्वनाथ का मंदिर ५ महावीर मन्दिर __ अचलगढ के जैन मन्दिर और शिलालेख ५ (३) आबू जैन लेख-संग्रह سه سه س ३२३ ३२४ ३२५ ३२६ ३२७ ३३० mr mr mr m mm r m له ३३४ ३३८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003122
Book TitlePrabandh Parijat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanvijay Gani
PublisherK V Shastra Sangrah Samiti Jalor
Publication Year1966
Total Pages448
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size18 MB
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