________________
मशुद्ध शुद्ध पृष्ठ साधुयों का साधुयों को ६५
६५
गुरू
दैव
संविज्ञ
संविज्ञ
इप
नडी
गुरु
देव
ही चुको
हो चुकी
संविज्ञ
संविग्न
संविज्ञ
संविग्न
संविज्ञ संविग्न
रंगों संघों
संविग्न
संविग्न
गुरुत्व
तत्व
गुरुतत्त्व
तत्त्व
तत्व
तत्त्व
शिवतों श्चित्तों
रिचतों श्चित्तों
तत्व
तत्व
तत्व
तत्र
यशो यशो
श्राध्यात्म
ऋति कृति
गच्छ से
विद्वान:
ग्रध्यात्म
गच्छ के
विद्वान्
ww
Jain Education International
६६
w w w w w w
६५ २१
१४
६६
६६
उप
नहीं
गुरु
गुरु सम्बन्धि सम्बन्धियों ७०
ङ्करों ने कजी ने कजी के
करों के
७३
७५
७७
७७
११
७७ १६
७७ २०
४
५
१०
२२
६६
२०
२२
२६
२७
६७ २
६७ १८
६६
७८
७८
निबन्ध-मिचय
६७ १६
६७ २०
६८ १६
१८
१६
१५
७८
पं०
७८
१५
१६
८०
८ १
८२
८३
WWW
سوں
C
८
å av x
१०
२१
२४
अशुद्ध
शुद्ध
बाद की
वाद का
ष्टुप
ष्टुप्
ध्यायजो ध्यायजो
परि
पारि
सत्त्व
चन्द्रा
ग्रानन्द
विद्वान
सत्व
वन्द्रा
श्रान्नद
विद्वान
लक्ष्मी
अकेक
नवम्
दुधात
शिला
लक्ष्मी
अनेक
नवम
दुधात
शीला
संग्रही
संगृही
संग्रही संग्रही
: ३३७
पं०
१
११
१२
८६ २३
For Private & Personal Use Only
पृष्ठ
६४
८५
is 15 15
८५
८७ १३
८७ १६
२८
३
१
१५
१७
६८
८६
६०
६२
६२
६४
६४
mu
ww
ि
६
६७
१२
पस्य परस्य
६८ २५
१०० १८
होना होनी संग्रही संग्रही
१०० २५
पन्यास पंन्यास
१०१
वर्षे वर्षे
१०५
सौमे
सोमे
१०५ '४'
खिलने लिखने १०५ ७
तपाच्छी तपागच्छी
१०५ २०
सादे
सद्भि
१०५ २७
रप
रपा
१०५ २७
पट
षट्
१०६
२६
निशिर्न निशिन
१०६ ६
सह
सद्भा
११० १०
www.jainelibrary.org